Thursday, 11 October 2012

आदरणीय भाई ,आगे इस सम्बन्ध में जो प्रगति हो उससे अवगत कराना |कामेश्वर जी आपके निर्देशन में गाडी को खींच सकते हैं |सुविधा की बात यह भी तो है कि वे जयपुर की जयपुर में हैं और अब सेवा-मुक्त भी हो गए हैं |घर के दायित्व भी शायद सीमित हैं |बेटे की नौकरी से प्रसन्न हैं | उनकी इच्छा भी है |सामग्री आपको जुटानी होगी और सम्पादकीय पहले की तरह लिखते रहना होगा |बाद में कामेश्वर जी अनुभवी हो जायेंगे तब वे और दायित्त्व बटा लेंगे |भाभी जी को प्रणाम |आपका -------जीवन सिंह

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