शून्य सबको धारण करता है
इसलिए शून्य कभी रहा नहीं करता
जब हवा ज्यादा गर्म होती है तो
ऊपर उठ जाती है
उसकी जगह को उससे
ठंडी हवा घेर लेती है
इससे विक्षोभ पैदा होता है
प्रकृति का यह नियम
एक व्यवस्था बनाता है
फिर भले ही वह
अव्यवस्था क्यों न हो
लेकिन दूसरा सच यह भी है कि
ज्ञान और अनुभव
जब बरगद के पेड़ की जटाओं की तरह
एकीभूत हो जाते हैं
तो आँधियाँ भी
अपना रास्ता बदल लेती हैं।
इसलिए शून्य कभी रहा नहीं करता
जब हवा ज्यादा गर्म होती है तो
ऊपर उठ जाती है
उसकी जगह को उससे
ठंडी हवा घेर लेती है
इससे विक्षोभ पैदा होता है
प्रकृति का यह नियम
एक व्यवस्था बनाता है
फिर भले ही वह
अव्यवस्था क्यों न हो
लेकिन दूसरा सच यह भी है कि
ज्ञान और अनुभव
जब बरगद के पेड़ की जटाओं की तरह
एकीभूत हो जाते हैं
तो आँधियाँ भी
अपना रास्ता बदल लेती हैं।
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