Tuesday 6 May 2014

भानगढ़ अलवर जिले का एक सीमान्त ,किन्तु किंवदंतियों का एक ऐसा भग्न स्थल है ,जहां पहुँच कर इतिहास का एक ऐसा पृष्ठ आँखों के सामने होता है ,जो कभी अंधविश्वासों और सत्ता संघर्ष की भेंट चढ़ गया। यह आमेर नरेश और अकबर के सेनापति मान सिंह के छोटे भाई माधो सिंह की अपनी जागीर में बना हुआ था ,जो किसी  तांत्रिक सेवड़े की हरकतों से अंधविश्वासों की बलि चढ़ गया।  इस समय पुरातत्त्व विभाग इसकी देखरेख करता है और यह अलवर के पर्यटन स्थलों में से एक है। पहले यह आमेर और जयपुर का हिस्सा रहा ,बाद में जब अठारहवीं सदी  के अंत में एक नयी रियासत  अलवर बना ,तो यह उसके हिस्से में आया , या कहें प्रताप सिंह ने इसकी सीमा तक अलवर राज्य बना लिया।

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