Monday 16 July 2012

हवा चली ,हवा चली
ठंडी ठंडी हवा चली
सूरज ने ढकी रजाई है
बादल ने आँख दिखाई है
सर्दी की ऋतु आई है
मन को भाती मूंगफली |
वेस्टफील्ड में आए हैं
तन-मन सब सरसाए हैं
रंग ने रंग दिखाए हैं
खिल गयी मन की कली-कली
चमक भरा बाज़ार है
जीवन का आधार है
सब कुछ ही व्यापार है
यही बात बस एक खली |
--------२२ जून २०१२

           

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