Monday 23 July 2012

अभि सभी का प्यार अभि
अभि को करते प्यार सभी
अभि अभी तो बच्चा है
कली-सा कोमल कच्चा है
बड़े-बड़ों से अच्छा है
मन का बिलकुल सच्चा है
गीत सुनाता गा-गा-कर
जैसे बजे गिटार अभी |
सबका राज-दुलारा है
सब की आँख का तारा है
सब दुनिया से न्यारा है
दूध की निर्मल धारा है
सरगम की स्वर-लहरी सा
बहती रस की धार अभि |
छोटा-सा एक खिलौना है
सुन्दर-सा मृग-छौना है
माँ का रौना-भौना है
फूल भरा एक दौना है
खेल खिलाता है हम सबको
खेलों का संसार अभि |

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