मीडिया को हम जैसा न्यायप्रिय समझते हैं वैसा वह होता नहीं है । उसका भी एक वर्ग-चरित्र होता है । वह पूंजी और पूंजीवादी व्यवस्था
का प्रचारक भी तो है । इस बात को हम जब तक नहीं समझेंगे तब तक मीडिया की
असलियत को नहीं जान पायेंगे । वह वही करता है जिससे उसका व्यवसाय चलता रहे ।
No comments:
Post a Comment