Saturday, 15 June 2013

मीडिया को हम जैसा न्यायप्रिय समझते हैं वैसा वह होता नहीं है । उसका भी एक वर्ग-चरित्र होता है । वह पूंजी और पूंजीवादी  व्यवस्था  का प्रचारक भी तो है । इस बात को हम जब तक नहीं समझेंगे तब तक मीडिया  की असलियत को नहीं जान पायेंगे । वह वही करता है जिससे उसका व्यवसाय  चलता रहे । 

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