Thursday, 20 June 2013

पहाड़ों को
पहाड़ जैसी जिन्दगी
जीने दो
यदि उनकी जिन्दगी को
आदमी की नकली जिन्दगी
बनाओगे तो
वे एक दिन अचानक रात में
तुम्हारे ऊपर टूट पड़ेंगे ।
 
नदियाँ उतनी सीधीसादी
 सरल नहीं हैं जितनी
  तुमने अपने
शब्द-कोश के
अभिधेयार्थ से समझ रखा है
उनको रास्ता नहीं दोगे
तो वे भयानक सर्पिणी की तरह
तुम्हें लीलते
देर नहीं लगाएंगी ।





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