Wednesday 15 August 2012

पानी के पेड़ लगाओ
मन को सरस बनाओ
पानी के पेड़ लगेंगे
धरती के मन सरसेंगे
सरसेगा जग भी पूरा
जन-गन के मन सरसेंगे
खुशियों के बाग़ लगाओ
पानी ही तो जीवन है
पानी ही तन मन धन है
पानी रंजन ,पानी अंजन
पानी ,पानी का खंजन है
पानी की तान सुनाओ |

No comments:

Post a Comment