रोड शो हुआ
न किसी की सुनी
न छुआ
अपनी ही ढपली
अपना ही राग
अपने ही चूहे
अपने ही काग
एक मतदाता ने कहा
क्या करें
कहाँ जाएँ
अपने मन का विकल्प
कहाँ से लाएं
इधर खाई तो उधर कुआ।
न किसी की सुनी
न छुआ
अपनी ही ढपली
अपना ही राग
अपने ही चूहे
अपने ही काग
एक मतदाता ने कहा
क्या करें
कहाँ जाएँ
अपने मन का विकल्प
कहाँ से लाएं
इधर खाई तो उधर कुआ।
No comments:
Post a Comment