Thursday 17 January 2013

युद्ध और शांति
जिनको कभी
रोटी तक के लिए
नहीं करना पडा संघर्ष
जिनके पांवों में
फटी नहीं कभी बिवाई
जो नहीं जानते
प्रसव पीड़ा
नहीं देखा तापता
गधा कभी
जो पैदा हुए
चांदी के चम्मचों में
जिनके घर में कोई
कभी नहीं बना सैनिक
जो राजघराने की
रजत - रज  में खेले
पिता  से मिले विरासत में
रिश्वतों से भरे गोदाम ,
जो किलों के कंगूरों से
लेते अभिवादन
वे ही दे रहे
आज गीता का
अर्जुनोपदेश
मानाकि शैतान का भूत
बातों से नहीं
लातों से मानता है
पर लात
की हकीकत को
पहचानना कम जरूरी नहीं
पहले उस दुश्मन को पहचानो ,
जो शैतान की पीठ पर
रखे हुए है हाथ ,
उस हाथ को देखो ,
जिससे तुमने दोस्ती का
झूठा राग आलाप रखा है
समझो सचाई ,शैतान भारी नहीं है
भारी है वह हाथ ,
जिसकी उँगलियों के पैने  नाखून
तुम्हें हमेशा से डराते आये हैं
दोस्त युद्ध में उतरो
जरूर उतरो
क्योंकि युद्ध भी एक
उपाय होता है
शैतान को ख़त्म करने का
पर युद्ध के अनेक होते हैं तरीके
पहले उनको लड़ो
लड़ो,लड़ो लड़ो
क्योंकि लड़ाई से ही
मालूम होगा कि तुम
कितने लड़ाई के पक्ष में हो ।





























युद्ध और शांति
जिनको कभी
रोटी तक के लिए
नहीं करना पडा संघर्ष
जिनके पांवों में
फटी नहीं कभी बिवाई
जो नहीं जानते
प्रसव पीड़ा
नहीं देखा तापता
गधा कभी
जो पैदा हुए
चांदी के चम्मचों में
जिनके घर में कोई
कभी नहीं बना सैनिक
जो राजघराने की
रजत - रज  में खेले
पिता  से मिले विरासत में
रिश्वतों से भरे गोदाम ,
जो किलों के कंगूरों से
लेते अभिवादन
वे ही दे रहे
आज गीता का
अर्जुनोपदेश
मानाकि शैतान का भूत
बातों से नहीं
लातों से मानता है
पर लात
की हकीकत को
पहचानना कम जरूरी नहीं
पहले उस दुश्मन को पहचानो ,
जो शैतान की पीठ पर
रखे हुए है हाथ ,
उस हाथ को देखो ,
जिससे तुमने दोस्ती का
झूठा राग आलाप रखा है
समझो सचाई ,शैतान भारी नहीं है
भारी है वह हाथ ,
जिसकी उँगलियों के पैने  नाखून
तुम्हें हमेशा से डराते आये हैं
दोस्त युद्ध में उतरो
जरूर उतरो
क्योंकि युद्ध भी एक
उपाय होता है
शैतान को ख़त्म करने का
पर युद्ध के अनेक होते हैं तरीके
पहले उनको लड़ो
लड़ो,लड़ो लड़ो
क्योंकि लड़ाई से ही
मालूम होगा कि तुम
कितने लड़ाई के पक्ष में हो ।

































युद्ध और शांति
जिनको कभी
रोटी तक के लिए
नहीं करना पडा संघर्ष
जिनके पांवों में
फटी नहीं कभी बिवाई
जो नहीं जानते
प्रसव पीड़ा
नहीं देखा तापता
गधा कभी
जो पैदा हुए
चांदी के चम्मचों में
जिनके घर में कोई
कभी नहीं बना सैनिक
जो राजघराने की
रजत - रज  में खेले
पिता  से मिले विरासत में
रिश्वतों से भरे गोदाम ,
जो किलों के कंगूरों से
लेते अभिवादन
वे ही दे रहे
आज गीता का
अर्जुनोपदेश
मानाकि शैतान का भूत
बातों से नहीं
लातों से मानता है
पर लात
की हकीकत को
पहचानना कम जरूरी नहीं
पहले उस दुश्मन को पहचानो ,
जो शैतान की पीठ पर
रखे हुए है हाथ ,
उस हाथ को देखो ,
जिससे तुमने दोस्ती का
झूठा राग आलाप रखा है
समझो सचाई ,शैतान भारी नहीं है
भारी है वह हाथ ,
जिसकी उँगलियों के पैने  नाखून
तुम्हें हमेशा से डराते आये हैं
दोस्त युद्ध में उतरो
जरूर उतरो
क्योंकि युद्ध भी एक
उपाय होता है
शैतान को ख़त्म करने का
पर युद्ध के अनेक होते हैं तरीके
पहले उनको लड़ो
लड़ो,लड़ो लड़ो
क्योंकि लड़ाई से ही
मालूम होगा कि तुम
कितने लड़ाई के पक्ष में हो ।