हाँ ऐसा होता है
हो सकता है
वह समय खत्म हुआ
जब ऐसा नहीं होता था
कहाँ था दूर गाँव जिसमें
आग लगी थी
उसके बहुत पास ही तो
पुलिस खडी थी
शासन-प्रशासन सब मौजूद था
सरकार सन्नाटे भर रही थी
सब कुछ तो था जब बगल के घर में
आग लगी थी
गुजरात में ऐसा ही तो हुआ था
घर के बगल आग लगी थी
अगल में तमाशा देखने वाले लोग थे
होता है ऐसा भी होता है
एक घर में आग लगती है
दूसरे में तमाशा देखता है
या फिर उस आग में शामिल होता है ।
हाँ ऐसे लोग भी होते हैं जो
हथेली पर लेकर अपनी जान
कूद पड़ते हैं मैदान में
यहाँ भी तो ऐसा हुआ जब
संजीव बालियान कूद पड़ा था
ललकारते हुए आग के दरिया में ।
मानवता की छाँह में
तब एक नवजात जन्म लेता है ।
हो सकता है
वह समय खत्म हुआ
जब ऐसा नहीं होता था
कहाँ था दूर गाँव जिसमें
आग लगी थी
उसके बहुत पास ही तो
पुलिस खडी थी
शासन-प्रशासन सब मौजूद था
सरकार सन्नाटे भर रही थी
सब कुछ तो था जब बगल के घर में
आग लगी थी
गुजरात में ऐसा ही तो हुआ था
घर के बगल आग लगी थी
अगल में तमाशा देखने वाले लोग थे
होता है ऐसा भी होता है
एक घर में आग लगती है
दूसरे में तमाशा देखता है
या फिर उस आग में शामिल होता है ।
हाँ ऐसे लोग भी होते हैं जो
हथेली पर लेकर अपनी जान
कूद पड़ते हैं मैदान में
यहाँ भी तो ऐसा हुआ जब
संजीव बालियान कूद पड़ा था
ललकारते हुए आग के दरिया में ।
मानवता की छाँह में
तब एक नवजात जन्म लेता है ।
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