Thursday 19 September 2013

 कला के बिना जीवन अधूरा है । फिर चाहे वह शब्द की कला हो या रंग-रेखाओं की ।कला प्रस्तर को भी जीवन प्रदान करने की शक्ति रखती है । बशर्ते हो वह कला ----जीवन-सरिता की तरह प्रवाहित रहने वाली । 

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