Thursday, 19 September 2013

सर्जक होना ,
भोक्ता होने से
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है जैसे
अमर बेल से
वृक्ष होना

अफसर -अहलकार होने से
अच्छा लगता है
खेत में फसल बोना

जैसे दलाल और नेता
होने से अच्छा लगता है
किसी बेलदार के संग नसेनी पर चढ़कर
दीवार पोतना ,
कतार में लगकर
रेल की टिकिट लेना
शयन यान में
सहयात्री से बतियाते
सुदूर यात्रा करना

सबसे अच्छा लगता है
सब कुछ होकर भी
आदमी होना ।

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