मुक्तिबोध सबसे ज्यादा तब समझ में आते हैं , जब हम दूसरों को नहीं ,खुद को समझना चाहते हैं । वे लीक से अलग हटकर लिखने वाले कवियों में रहे हैं और काव्य-सरिता की धारा के बीचों बीच रहकर लिखने और उसको जीने वाले अनूठे, अद्भुत और विलक्षण कवि । आज की परिस्थितियों में उनकी कविता की प्रासंगिकता और ज्यादा बढ़ गयी है ।
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