बहस पोखर पर
वे बहस कर रहे थे
पोखर पर
पर देखा कि
उसकी पाल पर
कुछ कुत्ते पूंछ भी
हिला रहे थे
वहाँ रोटी के
टुकड़े थे जो
किसी को भी
झूठ में शामिल कर सकते थे
रोटी जीवन का
बहुत बड़ा सच है
पर यही है जो झूठ के पहाड़
खडा करा सकती है और
सच को नरक कुण्ड में धकेल सकती है
शब्द उस पहाड़ पर
पाखण्ड की तरह खडा है
जहां शैतान का राज है
पर वह नहीं जानता कि
उसकी तलहटी में
ऐसा जंगल पसरा हुआ है
जिसमें शूल और फूल एक साथ खिलते हैं
और पहाड़ से मोर्चा लेते हैं ।
वे बहस कर रहे थे
पोखर पर
पर देखा कि
उसकी पाल पर
कुछ कुत्ते पूंछ भी
हिला रहे थे
वहाँ रोटी के
टुकड़े थे जो
किसी को भी
झूठ में शामिल कर सकते थे
रोटी जीवन का
बहुत बड़ा सच है
पर यही है जो झूठ के पहाड़
खडा करा सकती है और
सच को नरक कुण्ड में धकेल सकती है
शब्द उस पहाड़ पर
पाखण्ड की तरह खडा है
जहां शैतान का राज है
पर वह नहीं जानता कि
उसकी तलहटी में
ऐसा जंगल पसरा हुआ है
जिसमें शूल और फूल एक साथ खिलते हैं
और पहाड़ से मोर्चा लेते हैं ।
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