Saturday 19 October 2013

आवारा पूंजी के शिकारी जमाने में 
 " बुद्धत्त्व" प्राप्त हुआ जिनको
बुढापा अच्छी तरह से कटेगा
एक विचारधारा की नाव से
जब नदी पार नहीं होती
तो वह कितनी ही नावों में
बैठकर जिन्दगी के मजे लेता है
पर भूल जाता है
कि आत्मा के साथ किया छल
कभी चैन से जीने नहीं देता । 

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