"आप " ने रोका है
घोड़े को ,
जो दिग्विजय के लिए
निकला है ,
कुछ लोग अब
कह रहे हैं 'आप" को भी तीसरा घोड़ा
और पहले-दूसरे घोड़े को घास।
घोड़े घोड़े ही रहेंगे
घास रहेगी घास
जब तक यह घास है
तभी तक आस है
जब यह भी घोड़ा बन जायगी
तो घास की शामत आ जायगी।
घोड़े को ,
जो दिग्विजय के लिए
निकला है ,
कुछ लोग अब
कह रहे हैं 'आप" को भी तीसरा घोड़ा
और पहले-दूसरे घोड़े को घास।
घोड़े घोड़े ही रहेंगे
घास रहेगी घास
जब तक यह घास है
तभी तक आस है
जब यह भी घोड़ा बन जायगी
तो घास की शामत आ जायगी।
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