Tuesday 21 January 2014

ब्रज अंचल में  अठारहवीं सदी के पूर्वार्ध में  एक नयी रियासत डीग की स्थापना हुई  , जो बाद में भरतपुर के नाम से जानी गयी।कुछ समय तक डीग उसकी राजधानी मुख्यालय का काम करती रही।   यह मुग़ल काल के लगातार होने वाले विघटन की स्थितियों में हुआ , जब स्थानीय ताकत केंद्रीय सत्ता के विरुद्ध खड़गहस्त हुई।  इसी में से तत्कालीन जाट  सत्ता का अभ्युदय  हुआ और इसके पहले शासक राव बदन सिंह ,सवाई जय सिंह ,जयपुर की अधीनस्थता में बने।  बाद में इसके दूसरे स्वाधीन  और सबसे प्रतापी शासक महाराजा सूरज मल रहे।  इनके समय में डीग के सुरम्य एवं बेहद कलात्मक --- उद्यान एवं जल-भवन निर्माण कराया गया।  ये कुराई कला के -प्रासादों के  रूप में बनाये गए। वास्तु कला की दृष्टि से बेजोड़ और ताजमहल की स्थापत्य  कला से होड़ बदते हुए। भादों के महीने में यहाँ ---लठावन का मेला लगता है ,जिसमें इन भवनों के बीच बने रंग-बिरंगे फव्वारे चलाये जाते हैं।  इससे इंद्र - धनुष जैसी प्राकृतिक सुषमा को निहारने और उसमें डूब जाने का अवसर मिलता है।कला , हमारी जिंदगी को नित्य नया बनाने का काम करती रहती है। 

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