Tuesday, 7 January 2014
हर व्यक्ति चाहे कवि न हो किन्तु उसका कवि-हृदय होना ही आधा-सा कवि होना है। कविता, व्यक्ति के बहिरंग को उसके अंतरंग में खोजने की कला है।
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