Saturday 14 December 2013

बहिन


लोग माँ के हृदय की
बात करते हैं
होता है सागर से गहरा ,
विशाल ,
हिमगिरि से ऊंचा
इस बार मैंने देखा
बहिन के ह्रदय को
माँ के ह्रदय से आगे
जो विस्तार वहाँ था
उसमें कितनी गहराइयों  की समाई थी
वह  नहीं थी अकेली
ऐसा लगा कि वह
पीहर के आँगन में उगे पीपल की
जड़ों से लिपटना चाहती थी
अपने भाइयों के लिए 
उसने अपने मन की चाबी
सौंप दी थी
भाई - बहिन के रिश्ते का अर्थ
उस अठारह साल छोटी बहिन ने
पहली बार मानो समझा दिया था
रक्षा-सूत्र का एक और अर्थ वहाँ
उद्भूत हो रहा था ।

No comments:

Post a Comment