Tuesday, 31 December 2013

नव गति, नव लय, ताल छंद नव
नवल कंठ, नव जल्द मन्द्र रव
नव नभ के नव विहग वृंद को,नव पर नव स्वर दे ।
नव वर्ष २०१४ के लिए  महाप्राण निराला की उक्त काव्योक्तियों  के अनुरूप नवता की कामना के साथ ।

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