Sunday, 22 December 2013

क़ानून, समाज में परिवर्तन के लिए होता है और  वह एक दण्ड -नीति  की तरह काम करता है । उससे समाज की सामूहिक मानसिकता अपने आप नहीं बदलती ।उसे बदलने के लिए सामूहिक प्रयत्न करना पड़ता है ।  सख्त से सख्त क़ानून की गिरफ्त से ताकतवर लोग और वर्ग साफ़ बच निकलते हैं । इसलिए वर्ग-चेतना और संगठनबद्धता की जरूरत  रहती है ।

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