मिथक-निर्माण करना पूरी प्राचीन दुनिया की कल्पनाशीलता का प्रमाण है । उसे आज का जन-मानस भी बेसहारेपन की स्थिति में अपना सहारा बनाकर पाथेय की तरह साथ लिए चलता है । कोई जगह ऐसी नहीं , जो मिथकों से सम्पृक्त न हो । मिथक हमारे भीतर की आश्चर्य-भावना को गुदगुदाते हुए हमको रससिक्त बनाने का काम करते हैं इसलिए वे कभी हमारा पीछा नहीं छोड़ते ।
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