सादगी से अन्य सारे मूल्य अपने आप आने लगते हैं ।महात्मा बुद्ध,तीर्थंकर महावीर, प्रभु ईसा ,पैगम्बर मुहम्मद ,गुरु नानक ,महान चिंतक कार्ल मार्क्स ,महात्मा गांधी आदि ने अपनी सादगी से लोगों का दिल जीत लिया था । जो दिल नहीं जीत सकता वह सार्वजनिक जीवन में आम जन को धोखा देने के लिए और उसे ठगने के लिए आता है । सादगी में जीवन को सबसे कम खतरा रहता है ।जो सामंती तामझाम से लदा -फदा रहता है वह जन-नेता कैसे हो सकता है ?
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