Thursday, 19 December 2013

कविता,कवि के अंतर्जगत का समयसिद्ध , भावबद्ध और  उदात्त  आख्यान है जो उसके  बहिर्जगत के द्वंद्वों व टकराहटों के बिना बहुत कमजोर और अपठनीय रहता है । कवि का अंतर्जगत उसके बहिर्जगत की जितनी व्यापकता में होगा,  उतना ही वह दीर्घजीवी और कालजयी  हो सकेगा ।

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