Friday, 24 July 2015

न्याय प्रक्रिया में जांच एजेंसियां जहां सरकारों के हाथों में हों यानी उनको स्वायत्त तौर पर काम करने का अधिकार न हो तब परिणाम में न्याय भी निरपेक्ष न होगा |किसी के दोनों हाथ बांधकर शायद ही कोई काम कराया जा सकता है |

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