सब
कुछ नियंत्रित किया जा सकता है यदि शिक्षा-व्यवस्था और तंत्र को
नियंत्रित कर लिया जाय |व्यक्ति के मन और दिमाग पर गलत तरीके से कब्जा करके
उसे आसानी से गुलाम बनाया जा सकता है |अंग्रेज जब इस देश में आये तो
उन्होंने सबसे पहले यहाँ के शिक्षा तंत्र और उसके माध्यम को तोड़कर अपनी
दृष्टि और माध्यम को उद्देश्य्यपूर्वक लागू किया |जिसकी वजह से देश लगभग
दो सौ साल तक उनका बंधुआ बन गया |यही आज भी हो रहा है |गुणात्मक महत्ता ,
उत्कृष्टता और श्रेष्ठता अब शिक्षा के मानदंड नहीं |साप्रदायिक शक्तियों
का शिक्षा के प्रति नज़रिया हमेशा से संकीर्णता का रहा है |जब भी वे सत्ता
में आती हैं तो सबसे पहला निशाना शिक्षा तंत्र को बनाती हैं |
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