Thursday, 30 July 2015

महान रचनाकार प्रेमचंद के बारे में लगभग साठ साल पहले मुक्तिबोध ने कहा था------"प्रेमचन्द उत्थानशील भारतीय सामाजिक क्रान्ति के प्रथम और अंतिम महान कलाकार थे " और यह भी लिखा कि---- "प्रेमचन्द की भावधारा वस्तुतः अग्रसर होती रही ,किन्तु उसके शक्तिशाली आविर्भाव के रूप में कोई लेखक सामने नहीं आया |" क्या यह चुनौती आज तक नहीं बनी हुई है ?

No comments:

Post a Comment