कल १९ जुलाई को जन्म दिन पर प्राप्त शुभकामनाओं के अपार स्नेह से
पुलकित--रोमांचित हूँ |सबसे पहले इस तरह के सनेह के लिए सभी साथी---मित्रों
के प्रति ह्रदय से अपना आभार व्यक्त करता हूँ |यह फेस बुक का नया संसार है
जिसमें जानने वालों के अलावा भी जानकारियों का एक नया सिलसिला बन जाता है
|६८ जन्म दिन तो पहले भी आये थे पर पता ही नहीं चलता था कि कब आया और निकल
गया |अब इतना पता चलता है कि न पूछो |मन द्रवित भी होता है , फैलता भी है
और मन ही मन संकोच भी होता है |भीतर से बल भी मिलता है |संभव है कि कुछ
ह्रदय विस्तार भी होता हो |शायद इसीलिये शुभकामनाओं की इस परम्परा को बनाया
गया हो |बहरहाल , पहले से ज्यादा समृद्धि आई है भीतर ही भीतर जैसे अचानक
दायरा बढ़ गया है जिन्दगी का |एक बार पुनः आभार
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