नास्तिकता एक पुरानी विचारधारा है किन्तु बहुत गड्डमड्ड | हमारे कई
प्राचीन दर्शन पहले नास्तिक रहे बाद में वे भी आस्तिकता से घिर गए |सांख्य
, वैशेषिक , बौद्ध , जैन सबका एक ही हश्र हुआ |इसकी जगह पर वैज्ञानिक
दृष्टिकोण वाला समाज रहे तो ज्यादा सकारात्मक और आधुनिक नज़रिया होगा
|वैज्ञानिक नज़रिया नहीं होगा तो नास्तिकता भी कुछ दूर चलकर साथ छोड़ देगी |
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