Saturday, 7 January 2012

समय



कितना -कितना
समयहीन
समय ,
गायब  नाक-नक्श
चेहराविहीन |

सूरज की किरण
तमपाश में
मधुयामिनी
         पुलकित
रासक्रीडामें व्यस्त
समय का दार्शनिक
भूलभुलैयों में |

महलों की
मुंडेरों को छूने की
होड़ सर्वत्र
राजनेता,सर्वोच्च शिक्षाविद
पत्रकार ,सम्पादक ,लेखक
कलाकार
गलियों-राजमार्गों पर
खड़े
पांत-दर पांत
ताकते
समयशून्य  समय को |

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