आपकी बातें सही हैं |इसके बावजूद , सही रास्ता अपने नैतिक बोध को बचाए रखने की गलियों से होकर जाता है |सामन्यतया कहा जाता है कि समाज क्रान्ति करता है किन्तु अब इसके साथ यह बात जोड़े जाने की जरूरत आ गयी है कि समाज नहीं , नैतिक समाज क्रान्ति करता है |रूसी क्रान्ति के बाद बनी समाजवादी व्यवस्था का विघटन, समाजवादी नैतिक बोध के क्षरण होते चले जाने की वजह से भी हुआ |
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