मुझे लिखते हुए खुशी है विवेकान्द हमारे अलवर (राजस्थान ) भी १८९१ में आये थे 'जब वे भारत -भ्रमण कर रहे थे | यहाँ २ माह ठहरकर अपनी बातों से लोगों को इतना प्रभावित किया की स्वयम यहाँ के राजा मंगल सिंह उनका प्रवचन सुनने के लिए उनकी विचार-सभा में आये थे |सामान्यतया धर्म-मजहबों के मामलों में आधुनिक विचार नहीं आने दिया जाता , विवेकानन्द की खूबी है की उन्होंने वेदान्त को आधुनिक आवश्यकता के सन्दर्भों में व्याख्यायित किया था |
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