Thursday, 21 November 2013
जनतंत्र के निर्माण में नेताओं से बड़ी और गम्भीर भूमिका जब तक "जन " की नहीं होगी तब तक हम एक लंगड़े-लूले जनतंत्र की गिरफ्त में फंसे रहने के लिए अभिशप्त होंगे । यथा जन , तथा जनतंत्र । जब कि अभी तक' यथा नेता ,तथा जनतंत्र' की प्रक्रिया चलती रही है ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment