तेज़ उजाले से ज्यादा
अन्धकार में जब
हो जाता है
तो तरुणाई को
अहंकार के पंख लग जाते हैं
उसमें अंगरेजी का सम्पुट मिल
जाए तो वह
करेला और नीम चढ़ा
की हैसियत प्राप्त कर लेता है ।
लेकिन यह दुनिया
कभी कभी ऐसों के भी
गले में घंटी बाँध देती है
दुनिया की यही
पर्वत जैसी ताकत है
इसे उससे छीन लेने वाली
ताकत दुनिया में अभी पैदा नहीं हुई
अन्धकार में जब
हो जाता है
तो तरुणाई को
अहंकार के पंख लग जाते हैं
उसमें अंगरेजी का सम्पुट मिल
जाए तो वह
करेला और नीम चढ़ा
की हैसियत प्राप्त कर लेता है ।
लेकिन यह दुनिया
कभी कभी ऐसों के भी
गले में घंटी बाँध देती है
दुनिया की यही
पर्वत जैसी ताकत है
इसे उससे छीन लेने वाली
ताकत दुनिया में अभी पैदा नहीं हुई
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