Friday, 8 November 2013

रेखा चमोली  की कवितायेँ उनके दिल से निकलती हैं नदी की तरह और बाहर आकर पहाड़ जैसी हो जाती हैं । उनमें जीवन का जितना विस्तार और गहराई आयगी , वे कविता के भविष्य में रंग भरने वाली कवयित्रियों में जगह पाएंगी ।

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