Saturday, 23 November 2013

डूब रहे  हैं

डूब रहे हैं गांव
डूब रहे हैं पहाड़
डूब रहे हैं खेत
डूब रहे हैं लोग
डूब रही हैं नदियां
डूब रहे हैं जंगल
डूब रही हैं  पगडंडियां

बचे हुए हैं जो
इनसे दूर
हिमगिरि के उत्तुंग शिखरों पर
उनकी शीतल छाया में बैठे हुए हैं । 

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