Sunday 18 August 2013

कुँवर रवीन्द्र की  कला स्वयं में कविता ही  है । वे  दोनों के आत्मीय रिश्ते को उजागर करने वाले कवि -कलाकार  हैं । उनके रंग-रेखाओं में भावनाओं का उदभावन बहुत सजगता और सहजता से होता है ।  बहुतों की पसंद है वे , इसलिए उनके पास अक्सर कविगण अपने काव्य संग्रह भेजते रहते हैं , यह खुशी की बात है ।वे  इसके काबिल हैं और पात्र भी । चित्र-कर्म चित्त को इस तनाव भरी दुनिया में राहत पंहुचाने का काम करता है जैसे अच्छा और मनमोहक संगीत और ताजमहल ।

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