जातिवाद वास्तविकता है , सचाई नहीं किन्तु वह ऐसी वास्तविकता है जो सचाई को लगभग अदृश्य रखती है । आगे बढ़ने और राज करने की पग-डंडी भी है । आदमी सबसे आसान रास्ते पर चलता है , जो विश्वसनीय भी हो । यह सभी जातियों के लिए अदृश्य आरक्षण का असरदार काम करता है ।
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