वे सब कुछ हड़प
लेना चाहते हैं
दौलत, संपदा, वैभव ही नहीं
हमारा ईमान ,हमारा सोच
हमारी आज़ादी
उनकी आकांक्षाएं
अँधेरे से ज्यादा डरावनी हैं
उनकी इच्छाओं के विषैले दांत
उखाड़े बिना
यह रास्ता ऊबड़खाबड़ ही रहेगा
ये विषदंत टूटेंगे
बादल छंट रहे हैं
हिम्मत के मैदानों पर
गुलाबी रोशनी है
एकजुटता के आँगन में
हलचल और आवाजाही है ।
लेना चाहते हैं
दौलत, संपदा, वैभव ही नहीं
हमारा ईमान ,हमारा सोच
हमारी आज़ादी
उनकी आकांक्षाएं
अँधेरे से ज्यादा डरावनी हैं
उनकी इच्छाओं के विषैले दांत
उखाड़े बिना
यह रास्ता ऊबड़खाबड़ ही रहेगा
ये विषदंत टूटेंगे
बादल छंट रहे हैं
हिम्मत के मैदानों पर
गुलाबी रोशनी है
एकजुटता के आँगन में
हलचल और आवाजाही है ।
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